Sunday, June 8, 2025

अगर कोई आम नागरिक किसी दूसरे धर्म या समुदाय के विरुद्ध नफ़रत फैलाता है, भड़काऊ भाषण देता है, तो क्या वह देशद्रोह (Deshdroh) माना जाएगा?

प्रश्न:

अगर कोई आम नागरिक (जैसे हिंदू या मुसलमान) किसी दूसरे धर्म या समुदाय के विरुद्ध नफ़रत फैलाता है, भड़काऊ भाषण देता है, तो क्या वह देशद्रोह (Deshdroh) माना जाएगा?


⚖️ उत्तर: तकनीकी रूप से — यह सीधे “देशद्रोह” नहीं होता, लेकिन यह एक गंभीर अपराध होता है।

🔸 इसे "देशद्रोह" नहीं, बल्कि “घृणास्पद भाषण” (Hate Speech), “सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाना”, और “शांति भंग करना” जैसे अपराधों के अंतर्गत देखा जाता है।


📜 भारतीय कानून में ऐसे व्यवहार के लिए जो धाराएँ लगती हैं:

धारा विवरण
IPC 153A धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर दो समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाना
IPC 295A किसी धर्म या धार्मिक भावनाओं का अपमान करना
IPC 505(2) वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या विद्वेष को बढ़ावा देने वाले बयान देना
IT Act 2000 सोशल मीडिया पर नफ़रत फैलाने वाली सामग्री साझा करना

👉 इन सभी अपराधों के लिए सजा हो सकती है — 3 साल से लेकर 7 साल तक की जेल और जुर्माना भी।


तो क्या यह देशद्रोह (124A IPC) है?

नहीं, जब तक:

  • वह व्यक्ति सीधे भारत सरकार या देश की अखंडता के विरुद्ध हिंसक या विद्रोही कार्रवाई न कर रहा हो,

  • या विदेशी दुश्मन से न मिल रहा हो,

तब तक यह 124A (देशद्रोह) नहीं माना जाता।

लेकिन, अगर नफ़रत फैलाने की वजह से:

  • दंगे हो जाएं,

  • देश की अखंडता या सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ जाए,

तो गंभीर मामलों में इसे देशद्रोह में बदलने की भी संभावना होती है।


🧠 क्या ऐसे लोग देश के लिए ख़तरा हैं?

हां।

भले ही उन्हें “देशद्रोही” न कहा जाए, परंतु ये लोग देश की एकता, भाईचारे और लोकतंत्र के दुश्मन होते हैं।

क्योंकि:

  • भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है।

  • संविधान हर नागरिक को समानता और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है।

  • समाज में नफ़रत फैलाना, असहमति को कुचलना — लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।


🔎 न्यायपालिका का दृष्टिकोण:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है:

“आज़ादी की भावना सिर्फ बोलने की आज़ादी नहीं है, बल्कि जिम्मेदारी से बोलने की आज़ादी है।"
— (Shreya Singhal vs. Union of India, 2015)


निष्कर्ष:

सवाल जवाब
क्या किसी समुदाय के विरुद्ध नफ़रत फैलाना देशद्रोह है? ❌ नहीं, परंतु यह एक गंभीर आपराधिक अपराध है।
क्या ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए? ✅ बिल्कुल, क्योंकि यह देश की सामाजिक एकता के विरुद्ध है।
क्या यह देश के लिए खतरनाक है? ✅ हां, यह अंदरूनी खतरा है।


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